रोजाना उपयोग में आने वाली चीजें जिसकी खोज अनजाने में हुई थी

कोई भी आविष्कार अक्सर जरूरतों की हिसाब से पैदा होते हैं। लेकिन कुछ आविष्कार ऐसे होते हैं, जो अनजाने में होते हैं। आमतौर पर वही होते हैं जो दुनिया को हमेशा के लिए बदलते चले जाते हैं। उन्हें अनजाने में इस दुनिया में लाया जाता है। लेकिन वह आविष्कार लोगों के जीवन को आसान बना देता है।

आज के लेख में आप यह जानकर चौक जायेंगे कि, अपने दैनिक जीवन में इतनी सारी चीजें हैं, जिन्हें अपनी जीवन में हम छोड़ नहीं सकते। यह एक अनजाने में हुए आविष्कार है। आप यह जानकर चौक जाएंगे कि, अपने दैनिक जीवन में इतनी सारी चीजें हैं, जिन्हें अपने जीवन में हम छोड़ नहीं सकते, यह एक अनजाने में हुए आविष्कार है।

आलू के चिप्स 

सबको पोटेटो चिप्स खाना बहुत पसंद है। लेकिन क्या आपको पता है कि, यह आविष्कार गुस्से में किया गया था। यह आविष्कार जॉज क्रम के द्वारा किया गया था। दरअसल ये रेस्टोरेंट में शेफ थे। एक दिन एक कस्टमर बार-बार जॉर्ज क्रम का बनाया हुआ फ्राई पोटैटो वापस कर रहा था, और बता रहा था कि, यह ड्राय और क्रंची नहीं है। इससे तंग आकर जॉर्ज ने आलू को बिल्कुल पतले आकार में काट कर गरम तेल में फ्राय किया और फिर नमक डालकर सर्व किया। उस कस्टमर को यह डिश बहुत पसंद आई। उसके बाद फिर तो इस डिश का मजा पूरी दुनिया लेने लगी।

कॉर्न फ्लेक्स 

जॉर्ज और विल केलोग ने अनजाने से कॉर्नफ्लेक्स विकसित कर लिया। जब उन्होंने कई दिनों तक उबले हुए मकई के बर्तन को स्ट्रॉ पर छोड़ दिया।

नॉन स्टिक पैन

वैज्ञानिक रॉय प्लंकेट रेफ्रिजरेट के विकल्प की तलाश कर रहे थे। एक बार उन्होंने जैसे ही अपने सैंपल का बॉक्स खोला, उन्होंने पाया कि प्रयोग में इस्तेमाल होने वाली गैस गायब हो गई थी। और इसके बाद में फिसलनदार रेजिन अवशेष के रूप में भी बची हुई है। जिसमें हीट और केमिकल्स के लिए काफी रोचक क्षमता थी। बाद में इस खोज का इस्तेमाल पेंट्स, नॉन स्टिक, कुकर और स्पोर्ट्स इक्विपमेंट के रूप में होने लगा।

माचिस की तीली

जब एक ब्रिटिश रसायनज्ञ जॉन वॉकर ने अपने चूल्हे पर एक रासायनिक लेपित छड़ी को खुरच दिया तो उसने कुछ चिंगारी देखी। तभी उनके दिमाग में माचिस की तीली बनाने का खयाल आया।

पोस्ट इट नोट्स 

स्पेंसर सिल्वर 3M प्रयोगशालाओं के साथ एक शोधकर्ता एक सुपर मजबूत चिपकने वाला विकसित करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन एक गोंद बना रहा था। जो मौजूदा लोगों की तुलना में कमजोर था। इससे आसानी से खींचा जा सकता है और फिर से चिपकाया भी जा सकता है। एक वहीं अन्य वैज्ञानिक आर्ट फ्राय ने इस ऐडहेसिव का उपयोग बुकमार्क बनाने के लिए किया। जिससे अब हम पोस्ट ईट के नाम से जानते हैं।

माइक्रोवेव

1945 मैं परसि स्पेन्सर रेथियॉन कॉरपोरेशन में रिसर्च कर रहे थे। रिसर्च करते समय वे मैग्नेट्रॉन नामक एक नहीं वेक्यूम ट्यूब के साथ प्रयोग कर रहे थे। तभी अचानक से उनकी जेब में रखी कैंडीबार पिघलने लगी। यह देख कर उनको आश्चर्य हुआ। इसके बाद उन्होंने इसकी सच्चाई जानने के लिए पॉपकॉर्न लिया और जब पॉपकॉर्न भी फूटने लगा। तो उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को नोटिस किया और 1947 में पहला माइक्रोवेव ओवन बनाया।

सुरक्षा कांच

एडवर्ड बेनेडिक्स कांच की बोतल टुकड़ों में टूटे बिना गिरने से बच गई। इसका अध्ययन करने के बाद उन्होंने पता लगाया कि, सेल्यूलोज नाइट्रेट नामक एक रसायन ने कांच को टूटने से रोका और इस तरह सुरक्षा कांच अस्तित्व में आया।

हमे आशा है कि, आज के लेख की जानकारी आपको जरूर पसंद आएगी।

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