chanakya niti चाणक्य ने बताए हुए बुरे समय को दर्शाने वाले संकेत

Chanakya Niti

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में काफी कुछ बताया है। उनके द्वारा बताई गई हर एक बातें हम सबको जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती है। आज के समय में भी लोग आचार्य चाणक्य की बातें अपनाते हैं। अपने नीति शास्त्र में चाणक्य ने बताया है कि, बुरा समय आने से पहले ही उसका आभास होने लगता है, अगर हम घर में या आसपास घटने वाली कुछ घटनाओं पर ध्यान दें, तो हमें बुरा वक्त आने का संकेत मिल जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसे ही कई सारे संकेत के बारे में बताया है।।जो घर पर आने वाले आर्थिक संकट की ओर इशारा करते हैं।

तो आइए आज हम जानते हैं उन संकेतों के बारे में जो घर पर आने वाले आर्थिक संकट की ओर इशारा करते हैं। उन संकेतो में तुलसी के पौधे का सुख जाना, घर में कलेश होना, शीशे का बार-बार टूटना, पूजा-पाठ का अभाव और बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार करना

तुलसी के पौधे का सुखना 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, यदि आपके आंगन में लगे तुलसी का पौधा सूखने लगे तो इसका मतलब है कि, आपको पैसे की तंगी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही भविष्य में आने वाली परेशानी का भी यह संकेत हो सकता है।

घर में झगड़े होना 

आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आपके घर में आए दिन परिवार वालों के साथ लड़ाई होती रहते है तो, ऐसे में आपके घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होगा। जिससे आपकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पडता है।

घर में पूजा पाठ ना होना 

चाणक्य कहते हैं कि घर में सुख और समृद्धि के लिए नियमित रूप से पूजा-पाठ होना आवश्यक है। चाणक्य के अनुसार जिस घर में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, वहां पर उनकी कृपा बनी रहती है। लेकिन जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता वहां पर मैं लक्ष्मी कभी भी नहीं आती है।

शीशे का टूटना 

चाणक्य के अनुसार जिस घर में बार-बार शीशा टूट रहा हो, उस घर में व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इसके साथ ही बुरे वक्त में कौन सी चीज है जो काम आती है, उसके बारे में भी आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में बताया है। चाणक्य के अनुसार मानव जीवन में एक वक्त ऐसा जरूर आता है, जब व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बुरा वक्त इंसान की परीक्षा लेने के लिए आता है। जो इस परीक्षा में समय में धैर्य और साहस नहीं खोता वो सफलतापूर्वक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है। बुरा वक्त इंसान की परीक्षा लेने के लिए आता है। जो इस परीक्षा के समय में धैर्य और साहस नहीं खोता वो सफलतापूर्वक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है।

विद्या एवं ज्ञान 

चाणक्य के अनुसार विद्या एक ऐसा गुप्त धन है जिसको प्राप्त करके बुरे समय को सरलता से बिताया जा सकता है। शिक्षित और ज्ञानवान व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।

धैर्य एवं संयम रखना 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब व्यक्ति को बुरा वक्त आने पर धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए। इंसान को हर मुश्किल समय के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। संकट की घड़ी में घबराने की बजाय धैर्य बनाए रखने की जरूरत होती है।

धन का संचय एवं दान 

चाणक्य नीति अनुसार धन का संचय करना बेहद जरूरी है। हर व्यक्ति को अपने बुरे समय के लिए पैसा बचाकर रखना चाहिए। धनवान व्यक्ति पैसे के बल पर कई प्रकार के संकटों का सामना करने में सक्षम होते हैं। वहीं, जरूरतमंदों की मदद करने और दान को हमेशा गुप्त रखने का प्रयास करना चाहिए। दान का फल तभी प्राप्त होता है जब उसे सच्चे हृदय से किया जाए।

निर्णय लेने की क्षमता 

चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को आवेश में आकर कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। और आवेश में आकर कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए। क्योंकि ऐसे में गलती होने के संभावना अधिक होती है।

आत्मविश्वास की भावना 

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को आत्मविश्वास के साथ अपने पथ पर अग्रसर होना चाहिए। किसी की बातों में आकर अपने विश्वास को खोना नही चाहिए। हमे आशा है कि आज के लेख की जानकारी आपको जरूर पसंद आयेगी।

येभी पड़े :- भारत के पांच अनजाने रोचक तथ्य

Leave a Comment